सहारा इंडिया में करोड़ों निवेशकों ने अपनी मेहनत की कमाई जमा की थी और लंबे समय से रिफंड का इंतज़ार कर रहे थे। सरकार और SEBI की ओर से लगातार कदम उठाए जा रहे हैं ताकि जिन निवेशकों ने विश्वास के साथ सहारा में निवेश किया था, उन्हें उनका पैसा सुरक्षित वापस मिल सके। 2025 में रिफंड प्रक्रिया से जुड़ी कई अहम अपडेट सामने आई हैं, जिन्हें समझना निवेशकों के लिए बेहद जरूरी है।
Sahara Refund Portal का वर्तमान अपडेट
सरकार ने पिछले साल CRCS-Sahara Refund Portal लॉन्च किया था, जिसके माध्यम से निवेशक अपनी क्लेम रिक्वेस्ट दर्ज कर सकते हैं। 2025 की ताज़ा जानकारी के अनुसार पोर्टल पर कुछ तकनीकी सुधार किए गए हैं ताकि आवेदन प्रक्रिया और भी सुचारू हो सके। कई निवेशकों को पहले चरण में 10,000 रुपये तक की राशि लौटाई गई थी, लेकिन कई लोगों की रिक्वेस्ट अभी भी लंबित है।
SEBI की रिपोर्ट के मुताबिक, रिफंड प्रक्रिया में समय इसलिए लग रहा है क्योंकि सभी डाटा वेरिफिकेशन और डॉक्यूमेंट प्रमाणिकता की जांच की जा रही है। यह प्रक्रिया पूरी तरह डिजिटल है और हर निवेशक के पास सही दस्तावेज़ होना आवश्यक है।
किन दस्तावेज़ों की आवश्यकता होती है
सहारा रिफंड के लिए निवेशकों को कुछ जरूरी दस्तावेज़ अपलोड करने होते हैं, जिनमें प्रमुख हैं:
- आधार कार्ड
- पैन कार्ड (यदि लागू हो)
- निवेश की रसीदें
- पासबुक या बैंक स्टेटमेंट
- निवेश प्रमाणपत्र
यह दस्तावेज़ सही और स्पष्ट होने चाहिए, क्योंकि गलत जानकारी मिलने पर आवेदन अस्वीकृत हो सकता है।
अब तक कितने निवेशकों को मिला रिफंड
सरकारी आंकड़ों के अनुसार 2024 के अंत तक लाखों आवेदन पोर्टल पर दर्ज किए जा चुके थे। इनमें से एक बड़ी संख्या को भुगतान किया जा चुका है। हालांकि कुछ श्रेणियों के निवेशकों के लिए सत्यापन प्रक्रिया समय ले रही है, जिससे भुगतान रुका हुआ है।
2025 की नई रिपोर्ट बताती है कि सरकार रिफंड प्रक्रिया तेजी से पूरा करने के लिए एक विशेष कमेटी बना रही है, जो मंजूरी और भुगतान पर निगरानी रखेगी।
सरकार और SEBI की नई कार्रवाई
सरकार ने SEBI के साथ मिलकर सहारा की शेष संपत्तियों और फंड को रिकवर करने के लिए कानूनी कदम तेज कर दिए हैं। जिन कंपनियों में निवेश किया गया था, उनके खिलाफ भी कार्रवाई चल रही है ताकि निवेशकों का पैसा सुरक्षित वापस दिलाया जा सके।
रिफंड प्रक्रिया को पारदर्शी रखने के लिए पोर्टल पर टाइम-टू-टाइम अपडेट दिए जा रहे हैं। निवेशकों को सलाह दी गई है कि वे किसी भी बिचौलिए या एजेंट पर भरोसा न करें और केवल आधिकारिक सरकारी पोर्टल पर ही आवेदन करें।